घोटा घूम गया लंका में,
रावण देहल गया देखा जो,
घोटा घूम गया लंका में,
कूद कूद उछल उछल कर इसने भाग अशोक उजाड़े,
रखवाले वरजन लागे तो उन्हें मार कर वृक्ष उखाड़े,
मेघनाथ बांध के जो लाया दरबार में बोले क्या करू यारा,
घोटा घूम गया लंका में.....
घूम घूम गया इसका घोटा तो इसे आग लगा दो,
हॉवे प्यारी प्यारी पूंछ बंदर की तेल पटक सील गा दो,
जैसे ही जलाई देखो पूंछ दरबार में गूंज गया जयकारा,
घोटा घूम गया लंका में,....
जल गई लंका एहंकार की रावण समझ इशारा,
लेहरी चरण शरण में आजा हो जा गा भवपारा,
वरना प्रभु जी ऐसा हाल वो करे गे तेरा कर भी बोलेगा,
घोटा घूम गया लंका में,......