अंजनी के लाल हनुमान आज मेरी रक्षा करो ॥
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लगी आग लंका में भगदड़ मची थी ॥
कुटिया विभीषन की कैसे बची थी ॥
कुटिया में लिखा था राम राम आज मेरी रक्षा करो ॥.
अंजनी के लाल हनुमान आज मेरी रक्षा करो ॥
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विष का प्याला मीरा ने पिया था॥
विष अम्रित में कैसे हुआ था ॥
प्याले में लिखा था राम राम आज मेरी रक्षा करो ॥.
अंजनी के लाल हनुमान आज मेरी रक्षा करो ॥
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इन्हीं दुष्ट लोगों ने खम्बा रचा था ॥
निर्दोष प्रहलाद कैसे बचा था ॥
खम्बे में लिखा था राम राम आज मेरी रक्षा करो ॥.
अंजनी के लाल हनुमान आज मेरी रक्षा करो ॥
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भरी सभा में द्रौपदी रो रही थी ॥
रो रो कर आँसुओं से मुँह धो रही थी
साड़ी में लिखा था राम राम आज मेरी रक्षा करो ॥
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अंजनी के लाल हनुमान आज मेरी रक्षा करो ॥