माला फेरो ने राजी राजी मारा भुड़ा माजी ,
रोटी खावे तो मुखड़ो जी दुखे,
हलवो खावे तो घणा राजी,
मारा भूड़ा माजी..
मन्दिर जावे तो पगल्या जी दुखे,
घर घर फरवा मे घणा राजी ,
मारा भूड़ा माजी..
गीता पड़े तो आंख्या जी दुखे,
टीवी देखे तो घणा राजी,
मारा भुड़ा माजी..
माळा फेरे तो हाथ गणा दुखे,
रुपिया गीणे तो घणा राजी,
मारा भूड़ा माजी
कुलदीप मेनारिया ,कमलेश मेनारिया आलाखेड़ी॥
9799294907