लाडू चुरमा की माथे माले पड़ी,
चाल रूणीचे बाबो थारी करसी भली,
रामा राजकुमार सज्यो है बाबा रो दरबार.....
माह भादवो लागे ज्यार बड़ जोरको मोलो,
दुर दुर स्यू आवे ज्यातरी हुव खंड को भेलो,
ओ लेके हाथा म निशान, आवे भीड़ तकड़ी,
चाल रूणीचे बाबो थारी करसी भली....
जात झडूला लागे ज्यार बाजे नोबत बाजा,
सबका बेड़ा पार लगावे रामदेव महाराजा,
ओ बाबो विपता मिटावे देखो बड़ी रे बड़ी,
चाल रूणीचे बाबो थारी करसी भली.....
ध्वाजाबंद कलयूग अवतारी लाज राखज्यो म्हारी,
ओर सगा रो छोड़ आसरो आयो शरण म थारी,
ओ लिख गोपाल बजाज लागी भजना की छड़ी,
चाल रूणीचे बाबो थारी करसी भली.....