सुन भोले नाथ हरयाणा के हालत बदल दे तू,
था सबका भाई चारा ये जज्बात बदल दे तू,
जिहने ज़हर घोलियाँ से म्हारी में उन्हें सबक सीखा दे ने,
इस हर की भूमि हरयाणे में गेड़ा ला दे ने,
ओह राज करन ये राज करि से जनता भोली पे,
अंध जनता का विशवाश टिका भगाया की झोली पे,
ये डूबे गे हरयाणा पार तू बेडा ला दे ने,
इस हर की भूमि हरयाणा में गेड़ा ला दे ने,
होया करता प्यार घना माझे भैया में,
आपस में साम्बा करते ये सब काम सगाईयाँ में,
झड़ में तइया के गेड़ा ला दे ने,
इस हर की भूमि हरयाणा में गेड़ा ला दे ने,
इ जानकी पींग पॉटरी तोवे बाण कलाई रे,
कही की देखे बात यहाँ रोवे माँ की जाई रे
सम्मी नागरा दूर गया नेडा ला दे ने,
इस हर की भूमि हरयाणा में गेड़ा ला दे ने,