शिव जी बिहाने चले नंदी सजा के बभूति रमा के ढोलवा बजा के हो आज,
हा संग संग बाराती चले भंगियाँ चढ़ा के स्वांग रचा के भूत्वा नचाये के आज,
गले नाग की माला सोहे सिर पे चंदा भाल रे,
ढोल नगाड़े बजे संग और भाज उठे गड़याल रे,
जब शिव व्याह करि तयारी मल के राख समसान से,
झूम झूम के देखो कैसे नाचे भुत हैवान रे,
कोई काला कोई गोरा कोई छोटा कोई मोटा,
सब के दिल में है कैसी मस्ती समाये रे,
भभूति रमाये ढोलवा बजा के हो आज,
शिव जी बिहाने चले नंदी सजा के
त्रिशूल हाथ ले भोले जी जब डमरू भाज्ये डम डम रे,
स्वर्ग लोक की अफ़्साराये नाच उठी छम छम रे,
ऋषि मुने के साथ चले भ्र्म विष्णु भगवान् रे,
देव लोक से फूल बरसे झूम उठा जहां रे,
भोले पहुंचे ससुराई भय से भागे नर नारी,
गोरा की बतियाँ माने कोमल रूप सजाये रे
भभूति रमाये ढोलवा बजा के हो आज,
शिव जी बिहाने चले नंदी सजा के