खेल रहे मरघट पे होली
अरे संग भूतो की लेकर टोली
मस्त मगन हो नाचते भोला अपनी जताए खोले
बम बम भोले बम बम भोले
रात गनेरी अंधियारा है चंदर छटा का उजियारा है
अजब नजारा गंगा तट पे मचल के बैठी जल धारा है
रमा रहे भस्मी भोले खा के भांग के गोले
बम बम भोले बम बम भोले
सांप गले के उछल रहे है
कान के बिछु मचल रहे है
नंदी जी भी आगे पीछे झूम झूम के टेहल रहे है
बम बम भोले बम बम भोले
चली चुडेले होली गाती मुरदो की वो भस्म उडाती
भुत प्रेत की टोली देखो गांजा पीती उधम मचाती
लगा चिलम के दम को शम्भु भेद जगत के खोले
बम बम भोले बम बम भोले
चले अघोरी शिव को मनाने मुरदो को वो लगे जगाने
अलख निरंजन निरंजन जयकारा वो लगे लगाने
रोमी के संग संजय कुंदन बार बार यही बोले
बम बम भोले बम बम भोले