रानी सती आज मेरे घर आई घर आई माँ घर आई,
मुझपे तरश ये खा गई और मेरा मान बड़ा गई,
रानी सती आज मेरे घर आई ....
सुन ली मेरी दादी ने फर्याद रखली माँ ने बेटी की अबलाज,
अर्जी मेरी इसने सुनी मेरा साथ निभा गई और दुनिया को दिखला गई,
रानी सती आज मेरे घर आई ....
कैसे करू मैं दादी का सत्कार,
बेटी तो बस दे सकती है प्यार,
सुख की घडी आई बड़ी ये साँची प्रीत निभा गई और रुखा सूखा खा गई,
रानी सती आज मेरे घर आई
दिल में मेरे दादी की तस्वीर हर्ष जगी है आज मेरी तकदीर,
माँ के भजन गाउ सदा ये मुझसे प्यार जता गई और सिंह पे चढ़ कर आ गई,
रानी सती आज मेरे घर आई ......