मंगल करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊँ,
तू मेरी हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊँ ॥
नैनों को तेरे सिवा,
कुछ भी ना दिखाई दे....-2
भजनों के सिवा दादी,
कुछ भी ना सुनाई दे,
जिस भाव में बहती हो,
जिस भाव में बहती हो,
उस भाव को मैं गाऊं,
तू मेरी हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊँ......
चाहे कुछ भी हो जाए,
मन मेरा ना भटके.....-2
ऐसी ना गलती हो,
जो मन में मेरे खटके,
नैनों से धारा बहे,
होठों से मुस्काऊं,
तू मेरी हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊँ.....
केवल मैं और तुम हो,
एहसास रहे मन में......-2
कहे श्याम सिवा तेरे,
कुछ ना हो जीवन में,
ऐसी कृपा कर दे,
उस पार उतर जाऊँ,
तू मेरी हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊँ,
कीर्तन करते करते,
मैं तुझमे खो जाऊँ,
तू मेरी हो जाए,
मैं तेरा हो जाऊँ.......