लंका गढ़ में कूद गया हो गया मोटा चाला,
जिस ने हनुमत देख लिया वो खा के पड़ा दिवाला,
लंका के दरवाजे पर तेरी देखि लम्ब्दारी,
भड़ते पहला होनी कर्ली एक लंकनी मारी,
चीख मारके रोवन लागी बेहा खून का नाला,
जिस ने हनुमत देख लिया वो...........
आगे बढ़ के अंजनी लाल ने इक छलांग लगाई,
मिलाया विविषन उसकी सुन्नी कुछ अपनी जाए सुनाये,
मात सिया की खबर मिली तो मन में हुआ उजाला,
जिस ने हनुमत देख लिया वो.......