हे हनुमान बहू बलवान,
भक्ति ज्ञान वराग्य की खान |
संकट मोचन तू कहलाये |
राम बिना तुझे कुछ ना भाये |
तेरा द्वार जो भी खटकाये,
बिन कुछ पाए घर नहीं जाए ||
दुर्बल को बलवान बनाये |
हर संकट पल मे टल जाए |
तेरा गान करे जो कोई,
उसे ना कोई विपदा होई ||
हर मुश्किल आसन तू करदे |
भक्त जानो के दुःख तू हरले |
मन के अन्धिआरो को मिटा के ,
भवसागर से पार करादे ||
सचदानंद जय प्रिय हनुमान |
दूर करो मेरा अज्ञान |
थका बहुत जीवन चक्कर से,
कृपानिधान दो निर्वाण ||