तेरे नाम की सवा पे परवाने नाचेगे,
साई संध्या में साई के दीवाने नाचेगे,
शिरडी वाले साई बाबा तू ही काशी तू ही काबा,
दुनिया में तेरे रूप हज़ारो,
क्या को तप क्या वली को आजा,
तेरे नैनो में सबके मस्ताने नाचे गे,
साई संध्या में साई के दीवाने नाचेगे,
सबका मालिक एक बताये निर्धन को सीने से लगाए,
सबकी झोली भरते साई जो भी तेरे दर पे आये,
आज खुशियों में ख़ुशी के तराने नाचे गे,
साई संध्या में साई के दीवाने नाचेगे,
भर भर सबको जाम पीला दो मस्ती का कोई रंग चढ़ा दो,
प्यासी अँखियाँ तरस रही है गुलशन की तुम प्यास भुजा दो,
तेरे दर पे सब अपने बेगाने नाचे गे,
साई संध्या में साई के दीवाने नाचेगे,
शाह सिस्टर चाले जग में बोले तू जन्नत के भूहे खोले,
यार लकी तेरे दर का दीवाना शिरडी भुला ले साई मेरे भोले,
सारी दुनिया से होक अनजाने नाचे गे,
साई संध्या में साई के दीवाने नाचेगे,