मैं साईं का साईं मेरे साईं सुमिरु सांझ सवेरे
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब तेरे ही बंदे साईं
अपना मजहब जो भी मानो सब का मालिक एक है जानो
श्रधा और सबुरी हो जिस में साईं का प्रिये भगत हो मेरे
मैं साईं का साईं मेरे साईं सुमिरो सांझ सवेरे
शिर्डी धाम विराजे साईं
भगत हिरदे में सांझे साईं
साईं महिमा अपरम पारा साईं सब का बने सहारा
साईं साईं जप हर पल मनवा साईं नाम का मनका फेरे,
मैं साईं का साईं मेरे साईं सुमरू सांझ सवेरे