बड़ी दूर से आया हूँ दर पे लेलो शरण मेरे साईं राम,
हाथ जोड़ के शीश झुका के चुमू शरण मेरे साईं राम,
बड़ी दूर से आया हूँ ......
सुखियाँ हो या दुखियां जो कोई दर पे आये,
झोली उस की भर जाये कोई खाली हाथ ना जाए,
मेरे शिर्डी के राजा जो भी हो वाधा,
करदो हरन मेरे साईं राम,
हाथ जोड़ के शीश झुका के चुमू शरण मेरे साईं राम,
बड़ी दूर से आया हूँ ......
मेरे आंसू थम ते नही है मैं हु दुखो का मारा,
मेरे सिर पर छाव नही नीयत ने मुझे उजाडा,
मैं हु लड़ता गमो से तेरे भरोसे,
लेलो खबर मेरे साईं राम,
हाथ जोड़ के शीश झुका के चुमू शरण मेरे साईं राम,
बड़ी दूर से आया हूँ ......
साईं साईं रटते रटते दवार तुम्हारे आया,
जैसा मैंने सुना था बाबा वैसा ही सब पाया,
मेरी दुनियां सजा दो जलवा दिखा दो,
देखे वसर मेरे साईं राम,
हाथ जोड़ के शीश झुका के चुमू शरण मेरे साईं राम,
बड़ी दूर से आया हूँ ......