किरपा मेरे साई की मुझपर अब कुछ भी नहीं होना,
शिरडी वाले से रोशन है मन का कोना कोना,
सोहना सोहन मेरा साई सोहना मेरा बाबा
चाँद हसी है लेकिन वो भी तुझसे हो नहीं सकता,
तेरे मुखड़े से अच्छा कोई मुखड़ा नहीं हो सकता,
मेरे साई की सूरत बस गई है दिल के मंदिर में,
कोई भी संसार में मेरे साई जैसा नहीं है,
सोहना सोहन मेरा साई सोहना मेरा बाबा
साई मेरा ऐसा सूंदर क्या क्या लीला दिखाए,
कभी दिखे वो राम की मूरत कभी वो मुरली भजाये,
साई तेरी शरण में आकर रबका दर्शन करलु,
मेरा साई बाबा मेरा बेडा पार लगाए,
सोहना सोहन मेरा साई सोहना मेरा बाबा
सरे जग पे साई की मैं किरपा देख रहा हु,
मुझ पर भी कर दीजिये नजरियां मैं भी दर पे खड़ा हु,
मेरा साई भरने वाला सारे जग की झोली,
हां मैं ही नहीं जग में तन्हा सारि दुनिया भोली,
सोहना सोहन मेरा साई सोहना मेरा बाबा