राहो में तेरी प्रभु जबसे मैं चलने लगा,
गम का अँधियारा कब से ढलने लगा,
कबसे जीवन में सुख का सवेरा है,
सांवरा जबसे मेरा है ....
बदल गई दुनिया मेरी बदल गया मेरा हर पल,
आंख मेरी भर आती है सोच के बीता कल,
खुशियों ने हाथ सेर पे फेरा है,
सांवरा जबसे मेरा है ....
कैसा भी हो रास्ता कैसी भी मुश्किल ,
संवारा जो साथ हो दूर नहीं मंजिल,
दर नहीं राहो में अगर अँधेरा है,
सांवरा जबसे मेरा है .......
श्याम सुदा रास नाम ko जबसे पीने लगा,
उठा के मैं सिर शान से जीने लगा,
तबसे रुत बेकसर पे सेहरा है,
सांवरा जबसे मेरा है ......
दुनिया के is मोह में भटक गया था दिल,
समजा था तब आपने मुझे सेवा के काबिल,
सोनू तब से चरणों का चेला है,
सांवरा जबसे मेरा है ......