आप ने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,
शीशे को हीरा बनाया मेहरबानी आपकी,
हम ना भूलेंगे कभी एहसान प्रभुजी आपका,
अपने चरणों से लगाया मेहरबानी आपकी,
हर मुरादें पूरी होती तेरे इस दरबार में,
हर जुबां पर आज गोविंद है कहानी आपकी,
दिल से चाहते हैं तुम्हें हम कैसे भूलेंगे भला,
अब तो यह दिल भी हमारा है निशानी आपकी,