श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए।
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
राधे तेरी कृपा तो दिन रात बरसती है।
एक बूँद जो मिल जाए, मन की कलि खिल जाए॥
यह मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ।
जितना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए॥
नजरो से गिराना ना, चाहे जो भी सजा देना।
नजरो से जो घिर जाए, मुश्किल ही संभल पाए॥
राधे इस जीवन की बस एक तम्मना है।
तुम सामने हो मेरे, मेरा दम ही निकल जाए॥