गोपियों जो तुमसे दगा मैं कमाऊ कसम मेरी मैं मर जाऊ,
गोकुल की गलियों सा नहीं कोई प्यारा,
वृद्धावन में बस ता है दिल ये हमारा,
बांसुरी की तान को कभी छोड़ जाऊ,
कसम मेरी मैं मर जाऊ,.....
मथुरा में जनम लिया गोकुल में पाला,
जब भी गिरा था मैया ने पाला,
प्रेम वो राधा का कभी जो भुलाऊ,
कसम मेरी मैं मर जाऊ,
प्यार किसे कहते है यही मैंने जाना सखाओ में सखा यार मेरा है सुदामा,
उसकी गरीबी जो मिटा मैं ना पाउ,
कसम मेरी मैं मर जाऊ,
कन्हियाँ तू मुझ पे भी किरपा दिखाना अपने गगन को ना तुम विशरणा,
कन्हियाँ के चरणों में जो शीश न झुकाउ,
कसम मेरी मैं मर जाऊ,