साई नाम के दीवाने शिरडी में जा रहे है,
साई नाम के दीवाने साई नाम के सहारे,
जन्नत है तेरी शिरडी सब झूम गए रहे है,
साई नाम के दीवाने..
साई दर से जिसने माँगा लौटा न कभी खाली,
खाली थी जिनकी झोली भर भर ले जा रहे है,
साई नाम के दीवाने..
नजरे कर्म की जिसपे तूने की साई बाबा,
अंधे भी तेरी चौखठ चुम चुम के जा रहे है,
साई नाम के दीवाने..
सुमंगल को मेरे साई कोई जानता नहीं था,
तेरी महिमा ऐसी गाई,तेरा सब काल मिटा रहे है,
साई नाम के दीवाने..