मुझे अपनी भगती का वरदान देदो
शरण हु तुम्हारी जरा ज्ञान देदो
मुझे अपनी भगती का वरदान देदो
शिव और शक्ति के अवतार तुम हो
मैं हु एक नैया पतवार तुम हो
पार लगाओ मुझे साई बाबा
भटक रहा हु मैं बीच भवर में
मुझे अपनी भगती का वरदान देदो
एक बार तेरा दर्शन जो पाऊ,
धन्यं मैं अपना जीवन बनाऊ
करदो कर्म अब तो मेरे साईं देवा
बनू तेरा सेवक करू तेरी सेवा
मुझे अपनी भगती का वरदान देदो
हे ज्ञानेश्वर मेरे साईं नाथा तेरी
शरण में जो भी है आता दुःख भरी झोली में खुशिया वो पाता,
सभी बंधनों से मुकत हो जाता
मुझे अपनी भगती का वरदान देदो