सुनलो सुनलो जी विनती हमारी तेरे दर पे खड़े हम सवाली,
भर दो झोली हमारी खाली लोग कहते है भोला भंडारी,
तुजे पूजे है दुनियां सारी करो किरपा हम पे कैलाशी,
छूटे न ये आस हमारी रख लो लाज त्रिपुरारी,
बरसो बन के सावन दारी हर लो भक्तो की विपदा सारी,
जो टूटे न बांधो वो डोरी लोग कहते है तू भोला भंडारी,
सुनलो सुनलो जी विनती हमारी तेरे दर पे खड़े हम सवाली,
चारो दिशियो में गूंज तुम्हारी है सर्पो से सांझ तुम्हारी,
गंगा का पावन पानी है उसी से बस तू एक दानी,
कहे शम्भू शम्भू दुनिया सारी तेरे दर्श की है दीवानी,
लेके आओ अवतार जटाधारी लोग कहते तू भोला भंडारी,
सुनलो सुनलो जी विनती हमारी तेरे दर पे खड़े हम सवाली,