श्याम तेरी बंसी बजने लगी,
सारी सारी रात मैं तो जगने लगी,
बंसी बजा के मेरा मन कर लियाँ,
तेरी बांसुरी ने कैसा जादू किया,
यमुना किनारे मैं तो आ गई सांवरियां,
श्याम तेरी बंसी बजने लगी,
यमुना किनारे पे श्याम आ गया,
आँखों में मेरे सरूर छा गया,
क्यों की श्याम तेरी बंसी बजने लगी...
दुनिया गिरी तो मैंने सारी तोड़ दी,
तेरे संग श्याम मैंने प्रीत जोड़ ली,
तेरे नाम की चदरिया ओड ली,
क्यों की श्याम तेरी बंसी बजने लगी...