माखन चुराए चुप के से आये नटखट नंदलाला,
छुपा ले अपनी दही की मटकियां आ गया गोविंदा गोपाला,
हीरे न लुटे मोती न लुटे है ये चोर निराला,
यहाँ दिखा माखन का छीका तोड़ दियां वही ताला,
ग्वालो की टोली संग में लाये भोली सी सूरत वाला,
सम्बल जा ओ भोली बाला,
छुपा ले अपनी दही की मटकियां आ गया गोविंदा गोपाला,
इसकी नजर से बच के ना जाये गोकुल की गोरी रे,
माखन चुरा के आंखे दिखाए करे है जोरा जोरि रे,
छलियाँ छल के छुप छुप जाये बन जाये फिर गोपाला,
करे नित गड़बड़ घोटाला,
छुपा ले अपनी दही की मटकियां आ गया गोविंदा गोपाला,