प्रार्थना : मेरी बाधा को हर लेना ।
नमन है आपको प्रभु जी,
मेरी बाधा को हर लेना ।
न ज्ञानी हूँ न ध्यानी हूँ,
मेरे अज्ञान हर लेना ।।
हमारे पाप को हरलो,
प्रभु संताप को हरलो ।
हमारे दंभ को हरलो,
मुझे अपना बना लेना ।। नमन है....
सदा सेवा करूँ तन से,
करूँ भक्ती सदा मन से ।
करूँ मैं प्रेम सब जन से,
यही वरदान दे देना ।। नमन है....
कभी अनुचित नहीं बोलूँ,
सदा रस प्रेम का घोलूँ ।
सभी के गम को मैं हरलूँ,
कान्त को ज्ञान यह देना ।। नमन है....
भजन रचना : दासानुदास श्रीकान्त दास जी महाराज ।
स्वर : आलोक जी