मुझको भुला ले मेरे श्याम,
कान्हा छाले पड़े है मेरे पाँव में,
मुझको भुला ले मेरे श्याम,
चल चल के हारा मोहन मुरारी मेरी मंजिल न पाई,
मैंने सुना है तूने कन्हैया सब की बिगड़ी बनाई,
बिगड़े बनाये सब के काम,
कान्हा छाले पड़े है मेरे पाँव में,
मुझको भुला ले मेरे श्याम,
दर्पण में दिल के मैंने वसाई श्याम तस्वीर तेरी,
इतनी बुरी क्यों लिखदी कन्हैया तकदीर मेरी,
सहने पड़े है दुःख तमाम कान्हा छाले पड़े है मेरे पाँव में,
मुझको भुला ले मेरे श्याम,
तुम को पुकारा बचपन के साथी आके देजा सहारा,
जो जग से हारा उसको कन्हैया तूने पल में उभारा,
सोनू पुकारे तेरा नाम कान्हा छाले पड़े है मेरे पाँव में,
मुझको भुला ले मेरे श्याम,