झुंझनू नगरी माहि माहरी दादी की कोठी,
हो सारी दुनिया जान गई है ये सेठानी है मोटी,
सेठानी मोटी या सेठानी मोटी,
हो सारी दुनिया जान गई है ये सेठानी है मोटी,
बाहरे मंड में सखियाँ सेहलियाँ माह मंड में दादी,
पितेश्वर के सागे जो पूजे है बड़ो भड़ भागी,
बाबा तन धन में नमन करा कोटि को कोटि,
हो सारी दुनिया जान गई है ये सेठानी है मोटी,
ओड बड़े संसार माहि थारो एक सहारो,
थारे सत से छायो है सरे जग में उजारो,
तेखे दर पे देख ले है चमके किस्मत खोटी
हो सारी दुनिया जान गई है ये सेठानी है मोटी,
सतियाँ की सिर मोर कहावे,
कलयुग की महारानी,
सुख दुःख में राखे भगता पे दादी जी निगरानी,
खावे थारे भरोसे श्याम प्रेम से दाल रोटी,
हो सारी दुनिया जान गई है ये सेठानी है मोटी,