शक्ति कोटासर धाम हैं, कलजुग के अवतार,
भलो कीजौ भक्त को, माँ विनती बारम्बार,
ॐ जय श्रीशक्ति दादी,माँ जय श्रीशक्ति दादी,
आप हो जग की माता,जगदम्बा आदि,
ओम् जय...
कोटासर में विराजत,महिमा अति भारी,
लाल चुंदड़ी सोहे,मूरत छबि प्यारी ,
ओम् जय...
जोशीकुल पर मैहर किन्ही,सब जग को तार्यो,
जो कोई शरणे आयो,सकल काज सार्यो ,
ओम् जय...
प्रगट भई कलजुग में,ब्राह्मण कुल मांई,
वंश उज्ज्वल कीन्हो,कोटासर आई ,
ओम् जय...
कुलदेवी चामुण्डा, संग भैरव सोहे
चण्ड मुण्ड विनाशिनी, दानव मति मोहे,
ओम् जय...
माना शक्तिदादी कि, जो महिमा नित वरणी ,
आरती आरत हरणी,सुख सम्पत्ति करणी,
ओम् जय...
दादी शक्ति की आरती,जो कोई नर गावे ,
रचना किन्ही श्रीराधे,दुःख दारिद जावे,
ओम् जय...
स्वर:- लक्ष्मण सिंह हरसोलाव
रचियता:- पण्डित श्रीराधे जी महाराज