मावड़ी पल में मान जाती है,
सुन के पुकार आती है
हम बेखबर है माँ को खबर है,
अपने भक्त पे माँ की नजर है,
लाज ये भक्तो की बचाती है,
मावड़ी पल में मान जाती है....
भगतो की खातिर दादी बनी है,
भुजते दिये की बाती बनी है,
रिश्ता ये भगतो से निभाती है,
मावड़ी पल में मान जाती है
किस्मत ये ज्यादा हम को दिया है,
कैसे बताओ क्या न किया है,
कैसे बताओ क्या ना किया है,
श्याम की बिगड़ी ये बनाती है,
मावड़ी पल में मान जाती है