मुझे राधे तुम्हारा प्यार मिले,
चाहे जनम दोबरा ना पाऊ,
वृंदावन का दरबार मिले चाहे जन्म दोबरा न पाऊ,
तेरे चरणों की धूलि बन कर तेरे तलवो में वस जाऊ मैं,
सारा जीवन रखना यु ही ऐसे ही तर जाऊ मैं,
किस्मत इसी बस इक बार मिले चाहे जन्म दोबारा न पाऊ,
रखलो बस अपनी चोकठ पे ऐसे ही कर्म कमा लूँगा,
मुझे अपने दर का भिखारी बना मैं भीख मांग कर खा लू लगा,
चाहे ना वैरी संसार मिले चाहे जनम दोबरा न पाऊ,
सुख दुःख दोनों है हाथ तेरे,
तेरे हाथो में है सारी श्रृष्टि,
मुझ जैसे पापी पर भी आब राधे रानी डालो दृष्टि,
तेरे चरणों में सत्कार मिले,चाहे जन्म दोबरा ना पाऊ
क्या करना दीपांशु दुनिया का जो पल भर साथ नही देती,
हर फेसला शर्मा दुनिया का केवल राधे रानी करती,
तुम जैसी इक सरकार मिले चाहे जन्म दोबरा न पाऊ