मेरी बांह पकड़ लो एक बार

मेरी बांह पकड़ लो एक बार,
हरि एक बार बस बार,
मोहे पार लगा दो एक बार.....

करुणामई नाम तेरा, करुणा दिखलाओ तुम,
सोये हुए भाग्यों को मेरे बाबा जगाओ तुम,
मेरी नाव भवर डोले, इसे पार लगा देना,
हरि दया करके मुझको अपना लेना....

तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,
इस मन में समाए हो, मुझे प्राणो से प्यारे हो,
नित माला जपु तेरी, दिल से न भुला देना,
हरि दया करके मुझको अपना लेना....

मैं सबका सेवक हूँ, तेरे चरणों का चेला हूँ,
घर बार छोड़ कर मैं,जीवन से खेला हूँ,
मैं दुःख का मारा हूँ, मेरा दुखड़ा मिटा देना,
हरि दया करके मुझको अपना लेना....

मोहे पार लगा दो एक बार,
मोहे पार लगा दो एक बार,
मेरी बांह पकड़ लो एक बार,
बाबा एक बार बस बार,
मोहे पार लगा दो एक बार.......

मधुर भाव : भैया सतीश एवं करण जी
श्री लाडली लाल संकीर्तन मंडल (लुधि:)
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