तेरी दया का मैं हु भिखारी,
हार के आया बाबा शरण तिहारी,
हार गया था तुमने जिताया,
रोते हुए को हसना सिखाया,
खुशियों से भर दी तूने झोली हमारी,
तेरी दया का मैं हु भिखारी.....
हर पल सांवरियां तुझको ही ध्याऊ,
चरणों में तेरे शीश झुकाउ,
सिर पे सदा ही रहती दया ये तुम्हारी,
तेरी दया का मैं हु भिखारी....
थामे गरीब तूने सेठ बनाया,
ज़मीन से उठा के मुझको फलक पे बिठाया,
एहसान तेरा मुझ पे है बड़ा बाहरी,
तेरी दया का मैं हु भिखारी.....
ना भूल पाए उपकार तेरा
जीतू और देव करते गुणगान तेरा,
तूने निभाई ये बाबा अपनी यारी,
तेरी दया का मैं हु भिखारी