है गनेश भगवान तुमरो चुहा,
राम कसम से बोहतई है सैतान
समझा दाइयों हे गडराज तुमरो चूहा चालू,
सब्जी मंडी मैं घुस जाबे खाय प्याज और आलू,
खाबे चौरसिया को पान तुमरो चूहा,
राम कसम से बोहतई है सैतान,
है गनेश भगवान तुमरो चूहा......
जैसई उतरे तुरत गजानंद उचक उचक भगजाबे,
बनिया बब्बा देखना पाबे कमरा में घुस जाबे,
खाबे चाबल गेहूँ धान राम कसम से तुमरो चूहा.,
बोहतई है सैतान है गनेश भगवान तुमरो...
देखन को है छोटो चूहा बड़ी बड़ी है मुछ,
करिया करिया वो देखन को बिता भर की पूछ,
ओ के छोटे छोटे पाओ तुमरो चुहा राम कसम से,
बोहतई है सैतान है गनेश भगवान तुमरो.......
तुमरी सबारी जान के बबा मारत नई आ,
कोई तुम मूसा पर करो सवारी जानत हैं ,
सब कोई कर गओ रागी को नुकसान तुमरो चुहा,
राम कसम से बोहतई है सैतान......