सावन सुहाना समां, आये है लाखों यहाँ ।
ऐसे में आजा, दर्शन दिखा जा, बैठी है अंम्बे कहाँ ।
सावन सुहाना समां...
१. दिन सुहाने आज आये हैं, झंडे दवारे तेरे लाए हैं ।
राहों में नैन बिशाये हैं, सबने शीश झुकाए हैं ।
आजा माँ अंम्बे, जय माँ जगदम्बे, ऊँचा है तेरा निशान ।
सावन सुहाना समां...
२. मन कहे तू आज गाये चल, ज्योति से जोत मिलाए चल ।
नाम की लगन लगाए चल, दर्शन मय्या का तू पाए चल ।
मिलेगी ज्योति, नाम के मोती, मैया शरण में तू आ ।
सावन सुहाना समां...
३.खेल मैया जी तेरे न्यारे हैं, लाखों ही पापी तूने तारे हैं ।
हम तो तेरे ही सहारे हैं, दर्शन को आये तेरे दवारे हैं ।
" पाल " बुलाये, गुण तेरे गाये, गाये है सारा जहाँ ।
सावन सुहाना समां...
लेखक : स्वर्गवासी श्री खेत पाल जी ' पाल '
संगीत : मुन्ना जी, प्रेम जी
गायक : राज कटारिया (राजू मोगेवाला)