भेजा है भुलावा तूने शेरावालिये,
मईया तेरे दरबार में तेरे दीदार को मैं आउगा,
कभी न फिर जाउगा,
भेजा है भुलावा तूने शेरावालिये,
तेरे ही दर के है हम तो भिखारी जाये कहा है हमये दर छोड़ के,
तेरे ही संग बाँधी भक्तो ने डोरी सारे यहां से नाता तोड़ के नाता तोड़ के,
भेजा है भुलावा तूने शेरावालिये.....
फूलो में तेरी ही खुशबू है मइयां चंदा में तेरी ही चांदनी,
तेरे ही नूर से है नैनो की ज्योतियाँ सूरज में तेरी ही रोशनी,
भेजा है भुलावा तूने शेरावालिये.....