झंडेवाली मैया वंड दी भण्डार,
मैया वंड दी आ सूखा दे भण्डार,
वाह जी क्या बाता ने,
मेहरा करदी मेहरा वाली तहियो लखा आन सवाली
खुला सरेया लई माँ दा दरबार
वाह जी क्या बाता ने,
माँ दे दर लगन जैकारे रौनक रेहँदी माँ दे द्वारे ,
माँ दे दर उते मौज बहार
वाह जी क्या बाता ने,
राजू भी हरिपुरियाँ आवे ऋषि माँ दा लाल कहावे,
देवे भगता नु माँ दे दीदार वाह जी क्या बाता ने,