मैंने श्रद्धा से जोत जगाई महारानी मेरे घर आई,
तेरे बिन शाया था अँधेरा रोशन कर दिया जीवन मेरा,
डूब रही थी जीवन नैया मिल ना रहा था कोई खवैया,
मेरी नैया है पार लगाई महारानी मेरे घर आए,
जनम जन्म से आस लगी थी तेरे दर्शन की प्यास लगी थी,
आकर संकट दूर किया है माँ ने ये उपकार किया है,
मैं तो घर घर भाँतु मिठाई महारानी मेरे घर आए,
दामन खुशियों से भर डाला ऐसी है माँ मेरी जवाला,
दवार तेरा मैं ना छोड़ू गा झूठे बंधन सब तोडू गा,
मेरे मन में तुहि है समाई महारानी मेरे घर आए,