बड़ी देर भई ,
कब लोगे ख़बर मोरे राम ,
बड़ी देर भई ,
कहते हैं तुम हो दया के सागर,
फिर क्यूँ ख़ाली मेरी गागर,
झूमें झुके कभी ना बरसे ,
कैसे हो तुम घनश्याम ,
हे राम, हे राम,
बड़ी देर भई कब लोगे...
सुनके जो बहरे बन जाओगे ,
आप ही छलिया कह लाओगे,
मेरी बात बने ना बने ,
हो जाओगे तुम बदनाम,
हे राम, हे राम,
बड़ी देर भई कब लोगे...
चलते-चलते मेरे पग हारे,
आई जीवन की शाम ,
कब लोगे ख़बर मोरे राम,
बड़ी देर भई...