मेरे सोहने सत्गुरा ने आज रहमता लुटाईया ने,
उह्दी दया मेहर वेख के अखिया भर आईया ने,
उह्दी दया मेहर दा कोई हिसाब नही,
साडे खोटे करमा दी उहने खोली किताब नही,
ऐने सोहने सत्गुरा तो मैं तन मन वार देया,
मेरे सोहने.......
मिट्टी जपे तन विक्दे सानू डेरा बनाया है,
नाम वाली दात देके सानू गल नाल लाया है,
नाम वाला धन देके धनवान बनाया है,
मेरे सोहने......
मेरे सोहने सतगुरु दा सोहना सोहना मुखडा है,
दर्शन जदो करिये साडा रूह रूह कम्ब्दा है,
जनम ते मरण तो साडे गुरु ने बनाया है,
मेरे सोहने.......