तुम ही तुम निगाहो में हो बाबा,
और कुछ देखने की जरूत नहीं,
तुम ही दिल जिगर में वसे हो बाबा,
और दिल की कोई हसरत नहीं,
तुम ही तुम निगाहो में हो बाबा
शब्दो में हम कह पाए नहीं इतना प्यार करते हो,
पड़ते नहीं धरती पर कदम इतनी शक्ति भरते हो,
मेरे मन के में वसे और कोई मूरत नहीं,
तुम ही तुम निगाहो में हो बाबा
दिन रात मेरी तकदीर को तुम ही तो सजाते,
सुख सागर में लेहरायए मन जो खुद सा बनाते,
इन नैनो में तेरे सिवा बाबा वसे कोई भी सूरत नहीं,
तुम ही तुम निगाहो में हो बाबा
हीरे जैसा जीवन दिया फूलो जैसे मुश्कान दी,
अब तो हर पल गाये दिल बाते तेरे एहसान की,
पा के तुझे सब कुछ पाए.
और कुछ देखने की चाहत नहीं,