सामने आ गया माँ का मंदिर,
हर कदम पर सम्बलना पड़े गा,
ये जमीन पाक है स्वर्ग से भी सिर के बल तुझको चलना पड़े गा,
सामने आ गया माँ का मंदिर,
मात श्रद्धा के मोती लुटाती,
माँ के चरणों में सिर को झुका दे,
तेरी झोली भरे गी ख़ुशी से,
राह नेकी की चलना पड़े गा,
सामने आ गया माँ का मंदिर,
साधना है अगर मन की सच्ची,
मंजिले खुद कदम चुम लेंगी,
अगर बनाना है दिल अपना कुंदन,
सच की जवाला में जलना पड़े गा,
सामने आ गया माँ का मंदिर,
दीं दुखियो का माँ है सहारा कष्ट से उसने सब को उबारा,
शर्त इतनी है मगर जरुरी गिर के भी तो सम्बल न पड़े गा,
सामने आ गया माँ का मंदिर,