शेरोवाली के दर पे तू आके तो देख
तू इक बार सिर को झुका के तो देख,
जो शरधा से मांगे माँ देर न करती,
माँ अपने दीवानो की झोली है भरती,
माता को तू अपना बना के तो देख,
तू इक बार सिर को झुका के तो देख,
माँ राजा और रंक में फर्क न करती,
हर संकट में भक्तो के साथ माँ रहती,
तू[ प्यार से माँ को भूलके तो देख,
तू इक बार सिर को झुका के तो देख,
माँ बांझन की झोली में लाल खिलाती,
सुना बेसहारो की बिगड़ी बना ती,
मैया को दर्द सुना के तो देख,
तू इक बार सिर को झुका के तो देख,
माँ अलका को हर वक़्त तेरी जरुरत,
सुरिंदर के मन में वसी माँ की मूरत,
माह रानी की ज्योत जगा के तो देख,
तू इक बार सिर को झुका के तो देख,