उचियाँ पहाड़ा वाली सचियां माँ ज्योता वाली,
ऊचा तेरा दरबार उचियाँ चढाई चढ़ आई माँ पाने तेरा दीदार
सच्चा दरबार माँ तेरा....
मोह माया सब छोड़ के बंधन आई हु शेरावाली,
दीं दुखी हु मैं अज्ञानी सुन लो अदि पगानी,
दर्शन को माँ आस लगाई,
बैठी तेरे दरबार,
ऊचा तेरा दरबार उचियाँ चढाई चढ़ आई माँ पाने तेरा दीदार
सच्चा दरबार माँ तेरा....
हीरे मोती सोना चाँदी न कोई रेन बसेरा,
ना चहु मैं महल अटारी चहु मैं प्यार तेरा,
सदा रहु सेवा में तेरी ना करना इंकार,
ऊचा तेरा दरबार उचियाँ चढाई चढ़ आई माँ पाने तेरा दीदार
सच्चा दरबार माँ तेरा....
हे जगजानी के कल्याणी दया जरा सी करदे,
मिट जाए सब दुःख और चिंता हाथ तू जरा रखदे,
खोल दे अब तू अखियां मेरी भक्त खड़े तेरे दवार
ऊचा तेरा दरबार उचियाँ चढाई चढ़ आई माँ पाने तेरा दीदार
सच्चा दरबार माँ तेरा....