बूहे खोल बूहे खोल बूहे खोल,
असि दुरो दरा चौ आये चल के,
माये नी बूहे मंदिरा दे खोल,
असि बैठे हां दर तेरा मल के माँ दर्शन दे अनमोल.
बूहे खोल बूहे खोल बूहे खोल,
दर्शन कर तेरी पिंडियां दे भाग सबा दे खुल गये,
तेरे दर ते सजदा कर के पाप सबा दे धुल्दे,
ऐसी भुला तेथो बक्शाइये माँ आगे तेरे कॉल,
बूहे खोल बूहे खोल बूहे खोल,
लेखे लग जाए माँ तेरे दर ते साडा आना,
किसी हाल वि तेरे दर तो खाली असा न जाना,
माँ नजर मेहर दी पाके माँ झोली सुखियाँ खोल,
बूहे खोल बूहे खोल बूहे खोल,
आस दिला दी पूरी करदे माये शेरावाली,
कर्म कमा के सड़े ते भी माये मेहरावाली,
कमल जदो मुरझाये साड़ी भी हिमत रही डोल,
बूहे खोल बूहे खोल बूहे खोल,