( देख तेरे भक्तों में, माँ किस कदर अंधेर है,
जल्द पर्दे से निकल, माँ करी क्यों देर है l
आजा कि जिंदगानी का, पहलु बदल न जाए,
कहीं तेरे आते आते, मेरा दम न निकल जाए ll )
एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना ll*
*एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना,
मईया,,, फिर आ के चली जाना,
हमे दरस दिखा जाओ ll, दिखला के चली जाना,,,
"एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना" l
*तुमको मेरे गीतों का, संगीत बुलाए माँ* ll
मईया,,, संगीत बुलाए माँ,
कुछ मेरी भी सुन जाओ ll, कुछ अपनी सुना जाना,,,
"एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना" l
*जब जब भी बुलाओगी, दरबार में आऊँगा* ll
मईया,,, दरबार में आऊँगा,
गर राह भटक जाऊँ ll, मुझे राह दिखा जाना,,,
"एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना" l
*क्या मेरे तड़पने का, अहसास नहीं तुम को* ll
मईया,,, अहसास नहीं तुम को,
किस बात पे रूठी हो ll, इतना तो बता जाना,,,
"एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना" l
*अख्खियाँ मेरी रोती माँ, इन्हे धीर बंधा जाओ* ll
मईया,,, इन्हे धीर बंधा जाओ,
मंझधार में है नईया ll, इसे पार लगा जाना,,,
"एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना" l
धीमी सुर में:-
मंझधार में है नईया ll, इसे पार लगा जाना,
"एक वार माँ आ जाओ, फिर आ के चली जाना" l
अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल