माँ दुर्गा तेरी शक्ति है न्यारी,
नो रूपों में मियां कल्याण कारी,
तेरी नजरियां हो अति बारी,
तल जाये सारी विपदा हमारी,
ब्रह्म चरनी शेल की पुत्री,
चंदरघटा तू माता,
चंदर तिलक करे शेरसवारी,
जग की भाग्ये विधाता,
तीन हाथ दस हाथ है तेरे असुरो की तू है संगारी,
माँ दुर्गा तेरी शक्ति है न्यारी.....
कात्यानी कुश्मांड़ा स्कन्द माता रानी,
कमल विराजे जग निर्माता जग अश्वन भव दानी,
दसो दिशाओं में मैया होती है तेरी जय जय कारी,
माँ दुर्गा तेरी शक्ति है न्यारी....
सातवा रूप महजोंगी है आठमा काल रात्रि,
निर्गण आये भगतो को तू दे शक्ति सिद्ध दातरी,
असुरो की तू काल रुपी है भक्तो की है मंगल कारी,
माँ दुर्गा तेरी शक्ति है न्यारी,