बैठी उची पहाड़ियां मइया ओडे लाल चुनरी
लाल चुनरी हो गोटेदार चुनरी
बैठी उची पहाड़ियां मइया ओडे लाल चुनरी
उची नीची डगर मईहर की चारो तरफ हरियाली,
मन की मुरादी पूरी करती शारदा महियर वाली,
पहाड़िया निचे वसाई माँ ने देखो सुंदर नगरी
लाल चुनरी हो गोटेदार चुनरी
बैठी उची पहाड़ियां मइया ओडे लाल चुनरी
नोबत शंख मिरदंग बाज रहे शारदा माँ के द्वारे
नवराति का मेला लगा है भगत करे जय कार
सजी है दुल्हन जैसी सुंदर देखो महियर नगरी
लाल चुनरी हो गोटेदार चुनरी
बैठी उची पहाड़ियां मइया ओडे लाल चुनरी
मन की मुरादे पूरी करती सब की माता रानी
कैसे करू बखान मैं तेरा तेरी अमर कहानी
आया मोजी तेरे द्वार भरदो खाली गगरी
लाल चुनरी हो गोटेदार चुनरी
बैठी उची पहाड़ियां मइया ओडे लाल चुनरी