ये आंखे बरस रही मेरी कन्हियाँ आया न,
मिलन को तरस रही बेरी कन्हियाँ आया न,
वादे सारे टूट गए है,
काहे कन्हियाँ रूत गए है,
फिर भी प्यार तेरा मैंने न भुलाया है ,
ये आंखे बरस रही मेरी कन्हियाँ आया न,
मिलन को तरस रही बेरी कन्हियाँ आया न,
क्यों ये जुदाई का गम सहा जाए ना,
क्यों एक पल भी चैन मुझको अब आये न,
तेरे संग जो वक़्त बिताया याद मुझे आता है,
अब तो आजा हर जाइ वो कितना रुलाता है,
कैसे कलेजा तुझे चीर के दिखाऊ मैंने खुद से भी जयदा चाहा है,
पुकार रही राधा तेरी कन्हियाँ आया न,
मिलन को तरस रही बेरी कन्हियाँ आया न,