अरी वो तो खोल खिड़कियां आए गयो,
मेरो सारो माखन खाए गयो.....
नाए पत्तो लगी सखी कब आयो,
माखन खायो, कुछ फेलायो,
आरी द्वारे तक कुंड लगाए गयो,
मेरो सारो माखन खाए गयो,
अरी वो तो खोल खिड़कियां....
बड़ो इंतजाम मैने कियो,
छींके पे माखन धर दियो,
अरे जाने कैसे पत्तो लगाए लियो,
मेरो सारो माखन खाए गयो,
अरी वो तो खोल खिड़कियां....
घर वाले दोष मोए दे रहे है,
मोहे उल्टी सीधी कह रेयो,
अरे मेरे घर में कले कराए गयो,
मेरो सारो माखन खाए गयो,
अरी वो तो खोल खिड़कियां....
भैया सो रहे दरवाजे पे,
भाभी सो रही चौबारे पे,
अरे जाने कहा से कूद के आए गयो,
मेरो सारो माखन खाए गयो,
अरी वो तो खोल खिड़कियां....