तुम्हारे भवन में ज्योत जागे,
ज्योत जागे मेरे पाप भागे
अन्दन मंगल होये जी,
भरमा जी वेद जपा है तेरे द्वारे गुरु जी,
शंकर ध्यान लगाए गुरु जी के द्वारे,
तुम्हारे भवन में ज्योत जागे,
ज्योत जागे मेरे पाप भागे
अन्दन मंगल होये जी,
संगत खड़ी तेरे द्वारे ो मेरे गुरु जी,
सुख समृद्धि पाए जो तेरे द्वारे आये,
तेरी जय जय कार ओ मेरे प्यारी गुरु जी,
तुम्हारे भवन में ज्योत जागे,
ज्योत जागे मेरे पाप भागे
अन्दन मंगल होये जी,
इस भवन में नानक नाम जप,
नानक जप संगत सारे जपे,
सतनाम वाहेगुरु वाहेगुरु धन वाहेगुरु,
चरण कमल में तेरे शीश झुकाये,
जपते है आप जी के मंतर सारे,
ॐ नमये शिवाये,
शिव जी सदा सहाये,